
बच्चों की उच्च शिक्षा की बढ़ती लागत को देखते हुए, हर माता-पिता का सपना होता है कि वह अपने बच्चे के भविष्य के लिए एक मजबूत आर्थिक आधार तैयार करें। ऐसे में यदि आप ₹30 लाख का फंड बनाना चाहते हैं, तो RD और PPF का संयुक्त फॉर्मूला आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प साबित हो सकता है। यह फॉर्मूला न केवल सुरक्षित है बल्कि इसमें टैक्स छूट और कंपाउंडिंग का भरपूर फायदा भी मिलता है।
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PPF से मिलता है सुरक्षित और टैक्स-फ्री रिटर्न
पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी PPF एक लॉन्ग टर्म निवेश योजना है जो सरकार द्वारा समर्थित होती है। इसमें मिलने वाला ब्याज और परिपक्वता राशि दोनों टैक्स-फ्री होती हैं। वर्तमान में इस पर 7.1% की सालाना ब्याज दर मिलती है, जो हर तिमाही सरकार द्वारा रिवाइज की जाती है। आप बच्चे के नाम पर भी PPF खाता खोल सकते हैं और 15 वर्षों तक ₹1.5 लाख तक सालाना निवेश कर सकते हैं।
PPF की सबसे खास बात इसकी कंपाउंडिंग पावर है, जो समय के साथ राशि को कई गुना बढ़ा देती है। अगर लगातार 15 सालों तक इसमें निवेश किया जाए, तो ₹1.5 लाख सालाना निवेश पर लगभग ₹40-45 लाख तक की परिपक्वता राशि मिल सकती है, जो आपके लक्ष्य से कहीं अधिक है।
RD के ज़रिए मासिक निवेश की लचीलता
रिकरिंग डिपॉजिट यानी RD एक ऐसा विकल्प है जिसमें आप हर महीने एक निर्धारित राशि निवेश करते हैं और तय अवधि के बाद आपको ब्याज सहित परिपक्वता राशि मिलती है। यह उन लोगों के लिए आदर्श है जो एक साथ बड़ी राशि निवेश नहीं कर सकते लेकिन मासिक बचत करने में सक्षम हैं। बैंकों में मिलने वाला ब्याज दर आमतौर पर 6.5% से 7.5% के बीच रहता है।
5-5 साल के चरणों में RD करने पर आप हर बार की परिपक्व राशि को दोबारा PPF में डाल सकते हैं या फिर एक नया RD खाता खोलकर निवेश जारी रख सकते हैं। इससे न केवल आपकी बचत नियमित बनी रहती है, बल्कि कंपाउंडिंग का लाभ भी लगातार मिलता है।
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RD + PPF मिलाकर कैसे बनेगा ₹30 लाख का फंड
यदि आप हर साल PPF में ₹1.5 लाख निवेश करते हैं और साथ ही पहले 5 सालों तक ₹10,000 मासिक RD में डालते हैं, फिर अगले 5 सालों में ₹15,000 और अंतिम 5 वर्षों में ₹20,000, तो कुल मिलाकर आप ₹30 लाख से भी अधिक का फंड तैयार कर सकते हैं। यह निवेश रणनीति न केवल संतुलित है, बल्कि इसमें जोखिम का स्तर बेहद कम है और रिटर्न सुनिश्चित हैं।
इस फॉर्मूले की खूबी यह है कि आप इसे अपनी आमदनी और खर्च के हिसाब से एडजस्ट कर सकते हैं। शुरुआत में कम निवेश करके आदत बनाएं और धीरे-धीरे राशि बढ़ाएं। इस तरह आपकी वित्तीय योजना लचीली और व्यवहारिक बनी रहेगी।
बच्चों की शिक्षा में निवेश की शुरुआत जल्द करें
यह जरूरी है कि बच्चों की शिक्षा के लिए निवेश की शुरुआत जितनी जल्दी की जाए, उतना अच्छा है। जल्दी निवेश करने से कंपाउंडिंग का असर अधिक दिखाई देता है और आप महंगाई के असर को भी मात दे सकते हैं। निवेश की योजना बनाते समय यह भी ध्यान रखें कि आपके पोर्टफोलियो में विविधता हो – RD, PPF के साथ अगर संभव हो तो कुछ हिस्सा SIP या म्यूचुअल फंड्स में भी डालें, जिससे लॉन्ग टर्म में और बेहतर रिटर्न मिल सके।
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