
भारत में हर साल गेहूं की कटाई के बाद लाखों परिवार पूरे साल की खपत के लिए गेहूं को स्टोर करते हैं। यह परंपरा न केवल पैसे की बचत करती है, बल्कि मिलावट रहित अनाज घर में उपलब्ध कराती है। लेकिन समस्या तब आती है जब लंबे समय तक रखा गया गेहूं घुन (Weevils) से प्रभावित हो जाता है।
घुन छोटे कीट होते हैं जो अनाज को अंदर से खोखला कर देते हैं। इससे न केवल गेहूं की गुणवत्ता घटती है बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी हानिकारक हो सकता है। सही तरीके से Wheat Preservation करने से अनाज को लंबे समय तक सुरक्षित और उपयोगी बनाए रखा जा सकता है।
घुन लगने के कारण और उससे होने वाले नुकसान
घुन लगने का मुख्य कारण भंडारण में की गई छोटी-छोटी गलतियां होती हैं। नमी, बंद कंटेनर, गर्मी-उमस, और साफ-सफाई की कमी से यह कीट पनपते हैं। एक बार अगर गेहूं में घुन लग जाए, तो उसे पूरी तरह नष्ट करना मुश्किल हो सकता है। इससे न केवल अनाज बर्बाद होता है बल्कि बच्चों और बुजुर्गों में पेट दर्द, एलर्जी, और संक्रमण जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
मिट्टी की डेहरी
पुराने समय में मिट्टी की डेहरी या मटकियां अनाज स्टोर करने के लिए सबसे ज्यादा भरोसेमंद मानी जाती थीं। आज भी यह तरीका बेहद कारगर है। मिट्टी की वस्तुएं नमी को नियंत्रित करती हैं और अंदर की हवा को बैलेंस रखती हैं। इससे गेहूं में कीट लगने की संभावना बहुत कम हो जाती है।
जब भी आप मिट्टी की डेहरी में गेहूं रखें, ध्यान रखें कि गेहूं अच्छी तरह साफ और सुखा हुआ हो और मुंह को कपड़े या लकड़ी से अच्छे से बंद किया गया हो।
नीम की पत्तियों का उपयोग
नीम की सूखी पत्तियां गेहूं को घुन से बचाने के लिए बेहद असरदार उपाय हैं। स्टोरेज के समय नीम की पत्तियों को गेहूं में छिटक कर मिला दें। हर 2-3 महीने में इन पत्तियों को बदलते रहना जरूरी है ताकि उनका प्रभाव बना रहे। नीम की पत्तियां अनाज की गंध और स्वाद को प्रभावित नहीं करतीं।
कड़ी धूप में सुखाना
स्टोरेज से पहले और बाद में गेहूं को तेज धूप में सुखाना एक जरूरी प्रक्रिया है। इससे गेहूं में मौजूद नमी खत्म हो जाती है और कीटों की उत्पत्ति रुकती है। हर 2-3 महीने में गेहूं को निकाले, 4-5 घंटे धूप में फैलाकर सुखाएं और फिर वापस सुरक्षित तरीके से स्टोर करें।
कपूर
पूजा में इस्तेमाल होने वाला कपूर (Camphor) भी एक असरदार घरेलू कीटनाशक है। 2-3 कपूर की टिकियों को कपड़े में लपेटकर गेहूं के ड्रम में रखने से घुन नहीं लगता। कपूर की महक कीटों को दूर रखती है, लेकिन ध्यान रहे कि कपूर सीधे गेहूं में न पड़े।
भंडारण स्थान का चयन
गेहूं को स्टोर करने के लिए जगह का चुनाव बेहद जरूरी है। वह जगह:
- सूखी होनी चाहिए
- हवादार हो
- सीलन से मुक्त हो
- ज़मीन से थोड़ी ऊंचाई पर रखी हो
- थोड़ी रोशनी आती हो
इस तरह का स्थान Wheat Preservation के लिए सबसे बेहतर माना जाता है, जिससे गेहूं की उम्र बढ़ती है और कीट-मुक्त रहता है।
छंटाई और सफाई
स्टोरेज से पहले गेहूं की अच्छी तरह छंटाई और सफाई करें। कंकड़, भूसी, और छिलकों को निकालना बेहद जरूरी है क्योंकि यही चीजें कीटों के पनपने की वजह बनती हैं। चाहें तो छन्नी, जाली या हाथ से साफ कर लें और हल्की धूप में सुखाकर उसका अंतिम रूप दें।
नियमित जांच
एक बार गेहूं स्टोर कर देने के बाद उसे भूलना नहीं चाहिए। हर महीने एक बार अनाज को जांचें – कहीं कीड़े तो नहीं, बदबू तो नहीं, भुरभुरापन तो नहीं। कोई भी समस्या दिखे तो तुरंत उसे निकालें, सुखाएं और नए उपाय अपनाएं। इससे आप सालभर शुद्ध और सुरक्षित गेहूं का उपयोग कर सकेंगे।