
ग्रीन एनर्जी-Green Energy की दिशा में भारत ने एक और बड़ी छलांग लगाई है। रिलायंस पावर की सहायक कंपनी रिलायंस एनयू सेंटेक (Reliance N.U. Santek) ने सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (Solar Energy Corporation of India – SECI) के साथ 25 वर्षों के लिए पावर पर्चेज एग्रीमेंट (PPA) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समझौते के अंतर्गत 930 मेगावाट की सोलर एनर्जी सप्लाई की जाएगी, जिसे 465 मेगावाट/1,860 MWh की बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (Battery Energy Storage System – BESS) से जोड़ा जाएगा।
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एशिया का सबसे बड़ा सिंगल लोकेशन सोलर और बैटरी स्टोरेज प्रोजेक्ट
यह प्रोजेक्ट अपनी क्षमता और आकार के आधार पर एशिया का अब तक का सबसे बड़ा सिंगल-लोकेशन सोलर एनर्जी और बैटरी स्टोरेज प्रोजेक्ट माना जा रहा है। रिलायंस एनयू सेंटेक 1,700 मेगावाट से अधिक सोलर जनरेशन कैपेसिटी स्थापित करेगा, जो एडवांस बैटरी स्टोरेज सिस्टम के साथ ग्रिड की स्टेबिलिटी और एनर्जी सप्लाई की विश्वसनीयता को सुनिश्चित करेगा।
10,000 करोड़ रुपये का निवेश और दो साल की समयसीमा
इस महत्वाकांक्षी Renewable Energy प्रोजेक्ट को अगले 24 महीनों के भीतर पूरा करने की योजना है। इसके लिए अनुमानित 10,000 करोड़ रुपये का कैपिटल इन्वेस्टमेंट किया जाएगा। पावर सप्लाई की दर 3.53 रुपये प्रति किलोवाट घंटा (kWh) तय की गई है, जो इसे किफायती और स्थिर बनाती है।
MSMEs के लिए बीमा का महत्व और मौजूदा चुनौतियां
भारत की अर्थव्यवस्था में MSMEs (Micro, Small and Medium Enterprises) की भूमिका रीढ़ की हड्डी जैसी है, लेकिन इनका बड़ा हिस्सा अभी भी बीमा से दूर है। बीमा के अभाव में ये छोटे व्यवसाय आर्थिक संकट, प्राकृतिक आपदा या किसी भी अनहोनी स्थिति में असुरक्षित हो जाते हैं। ऐसे में MSMEs के लिए बीमा का महत्व तेजी से बढ़ रहा है, जिससे वे विपरीत परिस्थितियों में अपने व्यापार को सुरक्षित रख सकें।
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नीलामी प्रक्रिया में पांच प्रमुख कंपनियों की भागीदारी
SECI द्वारा आयोजित इस नीलामी प्रक्रिया में देश की पांच प्रमुख ऊर्जा कंपनियों ने भाग लिया था। बोली 2,000 मेगावाट सोलर एनर्जी और 1,000 मेगावाट/4,000 MWh बैटरी स्टोरेज सिस्टम के लिए लगाई गई थी। रिलायंस पावर ने इस प्रतियोगिता में 378 करोड़ रुपये की परफॉर्मेंस बैंक गारंटी (PBG) पहले ही जमा करा दी थी।
केवल 5 महीनों में पूरा किया गया कॉन्ट्रैक्ट साइनिंग प्रोसेस
रिलायंस एनयू सेंटेक ने नीलामी, अवार्ड और कॉन्ट्रैक्ट साइनिंग की पूरी प्रक्रिया केवल 5 महीनों में पूरी कर ली, जो कंपनी की कार्यक्षमता और बड़े पैमाने पर Renewable Energy प्रोजेक्ट मैनेजमेंट के अनुभव को दर्शाता है।
भारत की क्लीन एनर्जी प्रतिबद्धता को मिलेगी मजबूती
रिलायंस पावर ने इस समझौते को एक “रणनीतिक मील का पत्थर” बताते हुए कहा है कि यह प्रोजेक्ट भारत की क्लीन एनर्जी ट्रांजिशन (Clean Energy Transition) को मजबूती प्रदान करेगा। यह न केवल ऊर्जा उत्पादन को स्वच्छ और हरित बनाएगा, बल्कि देश के रिन्यूएबल एनर्जी लक्ष्यों को भी साकार करने में सहायक होगा।
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एनर्जी स्टोरेज इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मिलेगा बढ़ावा
यह प्रोजेक्ट बैटरी स्टोरेज के माध्यम से ऊर्जा के कुशल भंडारण की दिशा में भी एक नया अध्याय खोलेगा। इससे बिजली की आपूर्ति निर्बाध और स्थिर बनी रहेगी, खासकर तब जब सौर ऊर्जा का उत्पादन सीमित हो।
भारत के लिए एक आदर्श मॉडल बन सकता है यह प्रोजेक्ट
यह सोलर और बैटरी स्टोरेज प्रोजेक्ट भारत के लिए एक आदर्श मॉडल बन सकता है, जिसे अन्य राज्य और कंपनियां भी फॉलो कर सकती हैं। इससे देश में क्लीन और सस्टेनेबल एनर्जी के विस्तार को गति मिलेगी और आने वाले वर्षों में कार्बन उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी।