अब स्कूल खुलेंगे सुबह-सुबह! भीषण गर्मी में बदला क्लासेस टाइम, देखें

सीतापुर के रामपुर मथुरा ब्लॉक में तेज़ गर्मी से बच्चों को राहत देने के लिए स्कूल समय में हुआ बड़ा बदलाव। अब बच्चे सुबह 7 बजे से 12 बजे तक ही रहेंगे स्कूल में। जानिए कैसे यह निर्णय बच्चों की सेहत, पढ़ाई और दिनचर्या पर डालेगा सकारात्मक असर — पूरी रिपोर्ट पढ़ें

By Pankaj Singh
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अब स्कूल खुलेंगे सुबह-सुबह! भीषण गर्मी में बदला क्लासेस टाइम, देखें
अब स्कूल खुलेंगे सुबह-सुबह! भीषण गर्मी में बदला क्लासेस टाइम, देखें

सीतापुर के विकासखंड रामपुर मथुरा में गर्मी की बढ़ती तीव्रता के चलते प्राथमिक विद्यालयों के समय में बदलाव किया गया है। ग्राम पंचायत छतौनी के अंतर्गत स्थित ग्राम चिखड़ी के प्राथमिक विद्यालय नवीन में यह बदलाव सोमवार से प्रभावी हो गया है। पहले जहां स्कूल का समय सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक था, वहीं अब इसे सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक कर दिया गया है।

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तेज़ धूप से बच्चों को मिलेगी राहत

विद्यालय प्रबंधन और शिक्षकों के अनुसार, यह निर्णय छात्रों की सुविधा और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। स्कूल के अध्यापक श्याम किशोर, पारुल, कामिनी और अनुराधा ने जानकारी दी कि नया समय बच्चों के लिए अधिक उपयुक्त है।

गर्मी के इस मौसम में जब दोपहर तक तापमान बहुत अधिक बढ़ जाता है, तो बच्चों के लिए स्कूल आना-जाना काफी कष्टदायक हो जाता है। नई टाइमिंग (Timing) से अब बच्चे सुबह की ठंडी हवा में स्कूल पहुंच पाएंगे और दोपहर की कड़ी धूप से पहले ही घर लौट सकेंगे। इससे बच्चों को हीट स्ट्रोक (Heat Stroke) और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं से राहत मिलेगी।

स्कूल प्रबंधन ने उठाया सराहनीय कदम

विद्यालय प्रबंधन का यह कदम न केवल बच्चों की सुविधा के लिए जरूरी है, बल्कि यह उनकी पढ़ाई में भी सहायता करेगा। दोपहर की गर्मी के समय बच्चे अक्सर थक जाते थे जिससे उनका ध्यान पढ़ाई में कम लगता था। अब सुबह के ठंडे वातावरण में बच्चे ज्यादा एक्टिव रहेंगे और उनका ध्यान अध्ययन पर केंद्रित रहेगा।

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शिक्षकों का मानना है कि यह बदलाव अस्थायी नहीं, बल्कि हर साल गर्मी के मौसम में स्कूल की कार्यशैली में इस तरह के लचीलापन को अपनाना चाहिए।

उत्तर प्रदेश सरकार की गाइडलाइन के अनुसार कार्रवाई

गर्मी के मौसम में स्कूलों का समय बदलने की यह पहल उत्तर प्रदेश सरकार की गाइडलाइन के अनुरूप है। जब भी तापमान एक निश्चित सीमा से ऊपर जाता है, तो बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा विद्यालयों को समय बदलने की अनुमति दी जाती है।

हाल ही में प्रदेश भर में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया है। इस परिस्थिति में छोटे बच्चों के लिए स्कूल आना-जाना उनके स्वास्थ्य के लिए खतरा बन सकता है। ऐसे में समय में परिवर्तन एक आवश्यक कदम है।

छात्रों और अभिभावकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया

स्कूल के समय में हुए इस बदलाव को छात्रों और अभिभावकों दोनों ने सकारात्मक रूप से लिया है। माता-पिता का कहना है कि सुबह जल्दी स्कूल जाना बच्चों के लिए बेहतर है क्योंकि दिन के दौरान गर्मी असहनीय हो जाती है।

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इसके साथ ही, छात्रों का भी कहना है कि अब वे बिना पसीना-पसीना हुए स्कूल पहुंचते हैं और पढ़ाई में मन ज्यादा लगता है। दोपहर से पहले घर लौटने पर उन्हें आराम करने और होमवर्क के लिए भी पर्याप्त समय मिलता है।

शिक्षा में लचीलापन बन सकता है आदर्श

वर्तमान परिप्रेक्ष्य में जब जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग (Global Warming) जैसी समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं, तो विद्यालयों को मौसम के अनुसार कार्य योजना बनानी चाहिए।

Renewable Energy, छायादार पेड़ और कूलर जैसे उपायों के साथ-साथ समय में परिवर्तन भी एक व्यवहारिक विकल्प है जिससे शिक्षा को बाधित किए बिना छात्रों को राहत पहुंचाई जा सकती है।

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सीतापुर मॉडल बन सकता है उदाहरण

सीतापुर जिले का यह कदम अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकता है। यदि अन्य स्थानों पर भी इसी तरह मौसम के अनुसार स्कूल टाइमिंग (School Timing) में लचीलापन अपनाया जाए तो छात्रों की उपस्थिति, स्वास्थ्य और सीखने की गति में सकारात्मक परिवर्तन देखा जा सकता है।

बेसिक शिक्षा विभाग को चाहिए कि वह हर जिले में स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर समय-समय पर स्कूल समय में आवश्यक बदलाव सुनिश्चित करे।

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Pankaj Singh

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