यूपी में संपत्ति बंटवारे और वसीयत के लिए लागू होगा एक समान शुल्क

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी में संपत्ति बंटवारे और वसीयत के मामलों के लिए एक समान शुल्क लागू करने का आदेश दिया है। इससे प्रशासन में पारदर्शिता आएगी और नागरिकों को मिलेगा सीधा लाभ।

By Pankaj Singh
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यूपी में संपत्ति बंटवारे और वसीयत के लिए लागू होगा एक समान शुल्क
यूपी में संपत्ति बंटवारे और वसीयत के लिए लागू होगा एक समान शुल्क

उत्तर प्रदेश में अब संपत्ति बंटवारे और वसीयत के मामलों में एक समान शुल्क लागू किया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश भर के नगर निगमों और नगर पालिकाओं में इस फैसले को लागू करने का आदेश दिया है। इस कदम का उद्देश्य नागरिकों को संपत्ति बंटवारे और वसीयत से जुड़े मामलों में किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। अब यह प्रक्रिया पूरी तरह से समान शुल्क प्रणाली के तहत संचालित होगी, जो पहले विभिन्न नगर निगमों और नगर पालिकाओं में भिन्न-भिन्न होती थी। इस व्यवस्था का लाभ सीधे तौर पर नागरिकों को होगा और प्रशासनिक प्रक्रिया में भी पारदर्शिता आएगी।

मुख्यमंत्री के आदेश के बाद, नगर विकास विभाग जल्द ही इस संबंध में शासनादेश जारी करेगा, ताकि नागरिकों को एक समान शुल्क व्यवस्था का लाभ मिल सके। योगी आदित्यनाथ ने इसे प्रशासनिक सुधार के रूप में देखा है, जो नागरिकों की सेवा को और बेहतर बनाएगा। इस फैसले के बाद, नागरिकों को अब किसी भी शहर या कस्बे में संपत्ति बंटवारे या वसीयत से जुड़े मामलों के लिए अलग-अलग शुल्क का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा, प्रशासन में सुधार और पारदर्शिता भी आएगी, जिससे नागरिकों को किसी भी प्रकार के भेदभाव से मुक्त होकर अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त होगा।

एक समान शुल्क से मिलेगा नागरिकों को लाभ

पहले यूपी के विभिन्न नगर निगमों और नगर पालिकाओं में संपत्ति बंटवारे और वसीयत के मामलों के लिए शुल्क में भिन्नताएं थीं। कहीं ज्यादा शुल्क लिया जाता था, तो कहीं कम। इसके चलते नागरिकों को असमंजस की स्थिति का सामना करना पड़ता था। अब मुख्यमंत्री के आदेश के बाद, सभी नगर निगमों और नगर पालिकाओं में एक समान शुल्क लागू होगा। यह व्यवस्था यूपी के सभी शहरों, कस्बों और गांवों में लागू की जाएगी, जिससे पूरे प्रदेश में समानता का माहौल बनेगा। नागरिकों को किसी भी प्रकार के भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा।

यह निर्णय प्रशासनिक सुधार के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे सरकारी सेवाओं में पारदर्शिता आएगी और नागरिकों को बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी। नागरिकों को अब संपत्ति बंटवारे और वसीयत के मामलों में कोई भी जटिलता नहीं होगी, क्योंकि पूरे प्रदेश में एक ही शुल्क प्रणाली लागू होगी। इससे सरकारी सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा, और नागरिकों को सेवाओं का समान अनुभव मिलेगा।

प्रशासन में सुधार और पारदर्शिता की दिशा में कदम

योगी आदित्यनाथ ने इस फैसले को प्रशासनिक सुधार के रूप में देखा है। उनके अनुसार, इस फैसले से प्रदेश में प्रशासनिक प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी और नागरिकों को अधिक सरल और स्पष्ट प्रक्रिया का लाभ मिलेगा। इससे सरकारी सिस्टम पर लोगों का विश्वास भी बढ़ेगा, क्योंकि अब नागरिकों को अलग-अलग नगर निगमों और नगर पालिकाओं के विभिन्न शुल्कों से जूझना नहीं पड़ेगा।

सीएम योगी ने इसे नागरिकों के लिए एक नई उम्मीद बताया है, क्योंकि इससे उन्हें उनके कानूनी मामलों को सुलझाने में कोई परेशानी नहीं होगी। नागरिकों को अब संपत्ति बंटवारे और वसीयत के मामलों में किसी भी प्रकार के भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह कदम प्रदेश में प्रशासनिक सुधार और पारदर्शिता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।

प्रदेश के सभी नगर निगमों और नगर पालिकाओं में लागू होगा यह शुल्क

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस फैसले को प्रदेश भर में लागू करने के लिए सभी नगर निगमों और नगर पालिकाओं को निर्देश दिए हैं। यह व्यवस्था छोटे-बड़े सभी शहरों में समान रूप से लागू की जाएगी। इससे न केवल छोटे शहरों और कस्बों में, बल्कि बड़े शहरों में भी नागरिकों को समान शुल्क का लाभ मिलेगा। इस कदम के जरिए प्रदेश में समानता का माहौल बनेगा और नागरिकों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी। इससे प्रशासन में भी सुधार होगा, और नागरिकों का विश्वास प्रशासनिक व्यवस्था पर बढ़ेगा।

इस नई व्यवस्था के तहत, प्रदेश के नागरिकों को संपत्ति बंटवारे और वसीयत से जुड़े मामलों के लिए एक समान शुल्क का लाभ मिलेगा। इस फैसले से लोगों को किसी भी नगर निगम या नगर पालिका में संपत्ति बंटवारे और वसीयत से जुड़े मामलों में अलग-अलग शुल्क का सामना नहीं करना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री के निर्देश से बढ़ेगा प्रशासनिक विश्वास

सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस कदम को प्रदेश के नागरिकों के लिए एक नई उम्मीद बताया है। उनका मानना है कि इस बदलाव से संपत्ति बंटवारे और वसीयत के मामलों में पारदर्शिता आएगी और नागरिकों को बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी। इस फैसले के बाद, नागरिकों को किसी भी प्रकार के जटिल और भ्रामक शुल्कों से छुटकारा मिलेगा, जिससे उन्हें प्रशासनिक प्रक्रिया के प्रति विश्वास भी बढ़ेगा।

यह कदम प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था में सुधार और नागरिकों की सुविधाओं के दृष्टिकोण से एक बड़ा बदलाव साबित होगा। मुख्यमंत्री ने इसे प्रशासन में पारदर्शिता और विश्वास बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है, जो प्रदेश के नागरिकों के लिए लाभकारी साबित होगा।

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Pankaj Singh

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