
Labor Welfare Scheme के तहत पंजाब सरकार ने निर्माण मजदूरों (construction workers) के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं लागू की हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में राज्य में श्रमिकों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए व्यापक नीतिगत बदलाव किए गए हैं। 2023-24 में राज्य के 41 हजार से अधिक पंजीकृत मजदूरों को लगभग 90 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। इस सहायता के जरिए मजदूरों के बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य उपचार, विवाह और मातृत्व जैसे क्षेत्रों में मदद दी गई है।
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शिक्षा, अनुग्रह राशि और स्वास्थ्य सहायता में बड़ा निवेश
राज्य सरकार द्वारा वितरित 90 करोड़ रुपये की राशि में से 45 करोड़ रुपये मजदूरों के बच्चों की छात्रवृत्ति (Scholarship) के रूप में दिए गए। इसके अतिरिक्त 28 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि (ex-gratia), 11 करोड़ रुपये स्वास्थ्य बीमा और सर्जरी (health insurance and surgery) के लिए और 85 लाख रुपये बालिका उपहार योजना के तहत वितरित किए गए। अब मजदूर राज्य के निजी अस्पतालों में भी निःशुल्क ऑपरेशन और सर्जरी करवा सकेंगे, जो एक महत्वपूर्ण सुविधा है।
लंबित आवेदनों के समाधान में तेजी
जनवरी से अप्रैल 2025 के बीच सरकार ने करीब 80 हजार लंबित मजदूर आवेदनों का समाधान किया है। पहले यह संख्या 1.10 लाख थी, जो अब घटकर 30 हजार रह गई है। यह कार्रवाई पंजाब के श्रम मंत्री तरुणप्रीत सिंह सौंद की निगरानी में हुई, जिससे यह स्पष्ट होता है कि सरकार मजदूरों के हितों को लेकर गंभीर है।
1.3 लाख मजदूरों को मिला मुफ्त स्वास्थ्य बीमा
अब तक 1 लाख 30 हजार मजदूरों और उनके परिवारों को मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना (CM Health Insurance Scheme) के तहत कवर किया गया है। यह कदम राज्य सरकार द्वारा मजदूरों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए उठाया गया एक अहम प्रयास है, जिससे उन्हें महंगे इलाज की चिंता से राहत मिलेगी।
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श्रम उपकर में हुआ रिकॉर्ड संग्रह
2024-25 में सरकार ने श्रम उपकर (Labour Cess) के रूप में 287 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड संग्रह किया है, जो पिछले चार वर्षों में सबसे अधिक है। तुलना करें तो 2021-22 में 203.94 करोड़, 2022-23 में 208.92 करोड़ और 2023-24 में 180 करोड़ रुपये का संग्रह हुआ था। इससे यह संकेत मिलता है कि सरकार की योजनाएं आर्थिक रूप से भी मजबूत हो रही हैं।
शगुन योजना में दस्तावेज प्रक्रिया हुई आसान
पंजाब सरकार ने शगुन योजना (Shagun Scheme) के लिए दस्तावेजों की प्रक्रिया को सरल बना दिया है। अब लाभार्थी को तहसीलदार से विवाह प्रमाण पत्र लाने की आवश्यकता नहीं है। इसके स्थान पर धार्मिक स्थल से विवाह प्रमाण और माता-पिता का स्व-सत्यापन फॉर्म ही पर्याप्त होगा। इस योजना के तहत 51 हजार रुपये की सहायता दी जाती है।
मातृत्व लाभ और पुरुष मजदूरों को भी मदद
महिला मजदूरों को मातृत्व लाभ (Maternity Benefit) के रूप में 21,000 रुपये और पुरुष मजदूरों को 5,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। इसके लिए अब केवल बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र ही आवश्यक होगा। पहले आधार कार्ड अनिवार्य था, जिसे अब हटा दिया गया है।
विवाह योजना के नियमों में राहत
श्रम कल्याण बोर्ड की विवाह सहायता योजना (Marriage Assistance Scheme) के लिए अब धार्मिक स्थल का प्रमाण और फोटो ही पर्याप्त होंगे। इस योजना के तहत 31,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। साथ ही, मातृत्व लाभ के लिए आवेदन की समयसीमा अब बच्चे के जन्म के छह महीने बाद तक कर दी गई है।
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मनरेगा मजदूरों को भी जोड़ा जाएगा योजनाओं से
राज्य सरकार ने मनरेगा (MNREGA) के तहत 90 दिन से अधिक काम करने वाले मजदूरों को भवन निर्माण बोर्ड में पंजीकरण के लिए प्रोत्साहित करने की पहल की है। इससे ये मजदूर भी छात्रवृत्ति, बीमा और शादी सहायता जैसी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।
फॉर्म नंबर 27 की प्रक्रिया हुई आसान
पंजीकरण प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए फॉर्म नंबर 27 को सरल कर दिया गया है, ताकि मजदूर इसे स्वयं पंजाबी या हिंदी में भर सकें। इससे न केवल प्रक्रिया तेज होगी, बल्कि यह अधिक पारदर्शी भी बनेगी।