कीड़े नहीं टिकेंगे गेहूं-चना पर! आजमाएं ये देसी जुगाड़, अनाज रहेगा सालों तक सुरक्षित

रबी सीजन की फसल तैयार है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर भंडारण में थोड़ी सी भी लापरवाही हो गई तो आपकी महीनों की मेहनत मिट्टी में मिल सकती है? जानिए कृषि विज्ञान केंद्र के एक्सपर्ट से गेहूं, चना और मसूर को स्टोर करने के ऐसे तरीके जो हर किसान को जानने जरूरी हैं

By Pankaj Singh
Published on
कीड़े नहीं टिकेंगे गेहूं-चना पर! आजमाएं ये देसी जुगाड़, अनाज रहेगा सालों तक सुरक्षित
कीड़े नहीं टिकेंगे गेहूं-चना पर! आजमाएं ये देसी जुगाड़, अनाज रहेगा सालों तक सुरक्षित

जहानाबाद जिले में रबी फसल की कटाई का कार्य तेज़ी से पूरा हो रहा है। इस सीजन में गेहूं, चना, मसूर और सरसों जैसी फसलें प्रमुख रूप से उगाई जाती हैं। अब किसान इन फसलों को खेत से अपने घर लाने और उनका सुरक्षित भंडारण (Storage) करने की तैयारी में जुटे हैं। लेकिन जब भंडारण की उपयुक्त व्यवस्था नहीं हो, तो यह कार्य किसी चुनौती से कम नहीं होता।

यह भी देखें: Tech Update: अब बिना Wi-Fi और इंटरनेट के देखें Live TV! आज से शुरू हुई भारत की पहली ऐसी सर्विस

ऐसे में यह जानना भी रोचक है कि पुराने समय में, जब सुविधाएं सीमित थीं, तब किसान किस तरह अपनी उपज को सहेजते थे। इसी विषय पर लोकल 18 की टीम ने कृषि विज्ञान केंद्र, जहानाबाद के फसल विशेषज्ञ डॉ. मनोज कुमार से विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने बताया कि फसल की सुरक्षा के लिए सही समय पर कटाई और वैज्ञानिक तरीके से भंडारण करना अत्यंत आवश्यक है।

कटाई से पहले फसल की पूर्ण परिपक्वता आवश्यक

फसल विशेषज्ञ डॉ. मनोज कुमार के अनुसार, रबी सीजन की किसी भी फसल की कटाई तभी करनी चाहिए जब वह पूर्ण परिपक्वता (Full Maturity) की स्थिति में पहुंच जाए। उदाहरण के लिए:

गेहूं (Wheat) की कटाई का सबसे उपयुक्त समय वह होता है जब गेहूं की बालियां टेढ़ी हो जाएं और उसमें नमी बहुत कम रह जाए। इससे यह सुनिश्चित होता है कि दाना पूरी तरह विकसित हो चुका है और कटाई के बाद नुकसान की संभावना कम रहेगी।

इसी तरह, चना (Chickpea), मसूर (Lentil) और सरसों (Mustard) की भी कटाई तभी करनी चाहिए जब फसल सूखकर परिपक्व हो जाए। अधपकी फसल की कटाई से न केवल दाने की गुणवत्ता प्रभावित होती है, बल्कि भंडारण में भी नमी के कारण फफूंदी और कीड़ों का खतरा बढ़ जाता है।

यह भी देखें: Bank Account Rule: अगर खाता हो गया ब्लॉक तो क्या डूब जाएंगे आपके पैसे? जानिए बैंक का नया नियम

गेहूं की थ्रेशिंग और सुखाने की तकनीक

कटाई के बाद अगला महत्वपूर्ण चरण होता है थ्रेशिंग (Threshing) यानी गेहूं की बालियों से दानों को अलग करना। यह कार्य जितना साफ और सटीक होगा, दानों की गुणवत्ता उतनी ही अच्छी बनी रहेगी।

थ्रेशिंग के बाद गेहूं के दानों को अच्छे से धूप में सुखाना (Sun Drying) चाहिए। इस प्रक्रिया के लिए एक वैज्ञानिक तरीका भी है, जिससे किसान यह जांच सकते हैं कि गेहूं के दाने पूरी तरह सूख चुके हैं या नहीं।

डॉ. मनोज कुमार के अनुसार, अगर आप गेहूं के सूखे दाने को दांतों के नीचे रखें और ऊपर वाले दांत से दबाएं, तो अगर “कट” जैसी आवाज आए तो इसका अर्थ है कि दाना पूरी तरह यह भी देखें: सूख चुका है और यह अब भंडारण योग्य है। यदि आवाज नहीं आती या दाना थोड़ा नर्म लगता है तो इसे और सुखाने की जरूरत है।

यह भी देखें: क्या रेंट एग्रीमेंट से बदल सकते है आधार का एड्रेस? जानिए नियम, वरना फंस सकते हैं!

भंडारण की पारंपरिक और आधुनिक विधियां

जब सुविधाएं कम थीं, तब किसान अपने घरों के ऊपरी हिस्सों या मचान में फसल को कपड़े की बोरियों या मिट्टी के बर्तनों में भंडारित करते थे। वे दानों को कीटों से बचाने के लिए नीम की सूखी पत्तियां या राख का इस्तेमाल करते थे, जो आज भी एक प्रभावी घरेलू तरीका है।

वर्तमान समय में, किसानों को चाहिए कि वे भंडारण के लिए ऐसे स्थान का चयन करें जो सूखा, हवादार और कीटमुक्त हो। प्लास्टिक या जूट की बोरियों, या एयरटाइट कंटेनर का प्रयोग कर फसल को सुरक्षित रखा जा सकता है। बड़े किसानों के लिए साइलेलो सिस्टम (Silo System) या गोदामों में वैज्ञानिक पद्धति से भंडारण एक आदर्श विकल्प है।

यह भी देखें: Citizenship Rules India: नागरिकता साबित करने के बदले गए नियम! पुलिस की सख्त जांच में काम आएंगे ये डॉक्युमेंट्स

सरकार और कृषि विज्ञान केंद्र की भूमिका

कृषि विज्ञान केंद्र, जहानाबाद जैसे संस्थान किसानों को भंडारण तकनीकों, कीट नियंत्रण और वैज्ञानिक सलाह उपलब्ध कराने का कार्य करते हैं। सरकार भी फसल बीमा योजना (Fasal Bima Yojana) और भंडारण सब्सिडी (Storage Subsidy) जैसी योजनाओं के माध्यम से किसानों की मदद करती है।

डॉ. मनोज कुमार का कहना है कि यदि किसान कटाई और भंडारण में थोड़ी सतर्कता बरतें, तो न केवल फसल की गुणवत्ता बनी रहेगी, बल्कि बाजार में उसका मूल्य भी बेहतर मिलेगा।

Author
Pankaj Singh

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें