
देश की प्रमुख टेलीकॉम कंपनी Airtel ने हाल ही में ग्रोसरी डिलीवरी ऐप Blinkit के साथ मिलकर एक नई और अनोखी सुविधा शुरू की थी, जिसके तहत यूज़र्स को मात्र 10 मिनट में नया सिम कार्ड (SIM Card) उनके घर पर डिलीवर किया जा रहा था। इस सुविधा का सबसे बड़ा आकर्षण था कि यूज़र खुद ही अपने मोबाइल फोन के जरिए पहचान सत्यापन (Self-KYC) करके सिम को एक्टिवेट कर सकते थे। लेकिन अब दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications – DoT) ने इस सेवा पर रोक लगा दी है।
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क्या थी Airtel और Blinkit की Self-KYC सिम डिलीवरी सेवा?
Airtel और Blinkit की साझेदारी ने सिम डिलीवरी प्रक्रिया को बेहद आसान बना दिया था। यूज़र Blinkit ऐप के ज़रिए नया सिम ऑर्डर कर सकते थे, जो कुछ ही मिनटों में उनके दरवाज़े तक पहुंच जाता था। इसके बाद Airtel Thanks ऐप की मदद से ग्राहक Self-KYC पूरा करके सिम एक्टिवेट कर सकते थे। इस पूरी प्रक्रिया में न तो किसी स्टोर पर जाने की ज़रूरत थी और न ही बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन की।
Self-KYC क्या है और इसमें क्या होता है?
Self-KYC एक डिजिटल प्रक्रिया है जिसमें यूज़र अपने आधार कार्ड (Aadhaar) की मदद से ऑनलाइन पहचान सत्यापन करते हैं। इसमें बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन की आवश्यकता नहीं होती और दस्तावेज़ों को ऑनलाइन ही अपलोड किया जाता है। Airtel ने इस प्रक्रिया को आसान और समय बचाने वाला बताया था, जिससे ग्राहक बिना स्टोर विज़िट किए सिम खरीद सकते थे।
किन शहरों में उपलब्ध थी यह सेवा?
यह सेवा देश के 16 प्रमुख शहरों में शुरू की गई थी, जिनमें दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, लखनऊ और चेन्नई शामिल हैं। Blinkit का नेटवर्क पहले से ही इन शहरों में मजबूत था, जिससे Airtel को सिम डिलीवरी के लिए तेज़ नेटवर्क मिल गया।
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क्यों लगी Self-KYC सेवा पर रोक?
DoT ने यह स्पष्ट किया है कि सिम कार्ड जारी करने से पहले पूर्ण आधार आधारित KYC प्रक्रिया अनिवार्य है। Self-KYC प्रक्रिया में यह खतरा बना रहता है कि सिम गलत या फर्जी पहचान पर जारी किया जा सकता है। इससे साइबर अपराध (Cyber Crime) और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों में वृद्धि हो सकती है।
सरकार ने क्यों कड़े किए सिम कार्ड से जुड़े नियम?
पिछले कुछ वर्षों में सिम कार्ड के दुरुपयोग के मामलों में वृद्धि देखी गई है। इसके चलते सरकार ने 2023 में सिम कार्ड वितरण से जुड़े नियम और अधिक सख्त कर दिए हैं। अब बिना बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन (Biometric Authentication) के सिम जारी नहीं किया जा सकता। पहले केवल दस्तावेज़ों के आधार पर सिम लेना संभव था, लेकिन अब यह पूरी तरह से बंद कर दिया गया है।
क्या कहते हैं नियम?
DoT के अनुसार, किसी भी प्रकार की सिम डिलीवरी या एक्टिवेशन प्रक्रिया में पहले पूर्ण KYC जरूरी है। यानी पहले आधार से पहचान सत्यापन होगा, उसके बाद ही सिम डिलीवर की जा सकती है। Self-KYC को DoT ने पूर्ण मान्यता नहीं दी है क्योंकि इसमें बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन नहीं होता।
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Airtel और Blinkit की प्रतिक्रिया
इस आदेश के बाद अब तक Airtel और Blinkit की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। हालांकि, दोनों कंपनियां भविष्य में DoT के दिशानिर्देशों के अनुसार नई प्रक्रिया लेकर आ सकती हैं।