
UPI Payment करने वालों के लिए एक बड़ी और राहत भरी खबर सामने आई है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने यूपीआई सिस्टम को पहले से दोगुना तेज करने का निर्णय लिया है। अब तक जहां एक लेनदेन पूरा होने में औसतन 30 सेकंड लगते थे, वहीं अब यह समय घटाकर मात्र 15 सेकंड कर दिया गया है। यह नई व्यवस्था 16 जून 2025 से लागू होगी, जिसका सीधा असर करोड़ों यूजर्स के ट्रांजेक्शन अनुभव पर पड़ेगा।
NPCI के इस फैसले का मकसद API Response Time को कम करना है, जिससे यूपीआई के माध्यम से होने वाले सभी पेमेंट और भी तेज हो सकें।
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API Response Time क्या है और यह इतना अहम क्यों है?
API का पूरा नाम होता है Application Programming Interface, जो किसी भी दो सॉफ़्टवेयर सिस्टम को एक-दूसरे से कनेक्ट करने का माध्यम होता है। जब कोई यूजर यूपीआई ऐप के जरिए पेमेंट करता है, तो यह प्रक्रिया API के जरिए ही पूरी होती है।
API Response Time वह समय होता है, जब कोई रिक्वेस्ट (जैसे QR कोड स्कैन करना या पेमेंट भेजना) सिस्टम को भेजी जाती है और उसका जवाब (जैसे पेमेंट सफल हुआ या नहीं) वापस आता है।
अब तक यह समय लगभग 30 सेकंड था, लेकिन NPCI ने इसे घटाकर 15 सेकंड करने का फैसला लिया है ताकि यूजर्स को तुरंत ट्रांजेक्शन कंफर्मेशन मिल सके और उन्हें इंतज़ार न करना पड़े।
कैसे काम करता है यूपीआई पेमेंट सिस्टम – एक उदाहरण
मान लीजिए आप किसी दुकान पर खरीदारी करने गए और ₹1,000 का सामान खरीदा। आप ICICI बैंक के iMobile ऐप से दुकानदार को पेमेंट करते हैं। दुकानदार ने HDFC बैंक का QR कोड डिस्प्ले किया हुआ है।
इस स्थिति में:
- ICICI बैंक, HDFC बैंक को पेमेंट रिक्वेस्ट भेजेगा
- यह रिक्वेस्ट NPCI नेटवर्क के जरिए पास होगी
- HDFC बैंक से पेमेंट कंफर्मेशन NPCI को वापस जाएगा
- NPCI, ICICI बैंक को यह रिस्पॉन्स भेजेगा
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इस पूरी प्रक्रिया में पहले 30 सेकंड का समय लग जाता था, लेकिन अब यह घटकर 15 सेकंड होने वाला है। इससे ना केवल ट्रांजेक्शन फास्ट होंगे, बल्कि दुकानदार और ग्राहक दोनों का अनुभव भी बेहतर होगा।
फास्ट API का असर – ज्यादा स्पीड, बेहतर यूजर एक्सपीरियंस
NPCI का उद्देश्य यूपीआई (UPI) पेमेंट सिस्टम को और भी तेज़ और रियल-टाइम बनाना है। इसके लिए उन्होंने सभी प्रमुख UPI ऐप्स जैसे PhonePe, Paytm, Google Pay आदि को निर्देश दिए हैं कि वे अपने सिस्टम को अपडेट करें।
नया सिस्टम लागू होने के बाद:
- क्यूआर कोड स्कैन करते ही पेमेंट कन्फर्मेशन तुरंत मिलेगा
- नेटवर्क पर लोड घटेगा और फेल ट्रांजेक्शन की संभावना भी कम होगी
- UPI का उपयोग और ज्यादा आसान और भरोसेमंद हो जाएगा
डिजिटल इंडिया को मिलेगा बूस्ट
इस बदलाव का असर सिर्फ ट्रांजेक्शन स्पीड तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि यह डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम को भी बूस्ट करेगा। देशभर में UPI के जरिए हर महीने अरबों ट्रांजेक्शन होते हैं। इनका प्रोसेस तेज होने से व्यापारियों, कस्टमर्स और बैंकों सभी को फायदा होगा।
डिजिटल इंडिया के विजन को साकार करने के लिए यह कदम बेहद अहम माना जा रहा है। 15 सेकंड में ट्रांजेक्शन कन्फर्म होना एक नई तकनीकी उपलब्धि होगी, जो दुनिया में भारत को डिजिटल पेमेंट में और आगे ले जाएगा।
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NPCI की रणनीति और आगे की योजना
NPCI लगातार कोशिश कर रहा है कि देश में UPI सिस्टम को विश्वस्तरीय बनाया जाए। इसके लिए वह न सिर्फ स्पीड बढ़ा रहा है बल्कि सिक्योरिटी फीचर्स और ट्रांजेक्शन लिमिट जैसे पहलुओं पर भी काम कर रहा है।
अभी के बदलाव के तहत NPCI का सर्कुलर साफ कहता है कि सभी UPI ऐप्स को 16 जून से पहले अपने सिस्टम को अपग्रेड करना होगा, ताकि 15 सेकंड वाली प्रोसेसिंग समयसीमा लागू हो सके।