
देशभर में तेजी से बढ़ रहे डिजिटल लेनदेन के बीच सरकार ने UPI (Unified Payments Interface) सिस्टम में बड़ा बदलाव किया है। यह नया नियम सभी UPI यूज़र्स के लिए जानना जरूरी हो गया है क्योंकि इससे सीधे आपके बैंकिंग अनुभव और ट्रांजेक्शन प्रोसेस पर असर पड़ेगा। सरकार की ओर से जारी नए दिशानिर्देशों का मकसद पेमेंट सिस्टम को और अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनाना है।
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क्या है UPI पेमेंट सिस्टम में बदलाव?
सरकार और भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने संयुक्त रूप से UPI ट्रांजेक्शन नियमों में बदलाव किया है। नए नियम के तहत अब ऑटो-डेबिट ऑथोराइजेशन के लिए एक नया सेक्योरिटी फ्रेमवर्क लागू किया गया है। इसका सीधा असर उन यूज़र्स पर पड़ेगा जो OTT सब्सक्रिप्शन, बीमा प्रीमियम, लोन EMI या अन्य किसी भी तरह की Recurring Payment का भुगतान करते हैं।
अब से 15,000 रुपये तक की ऑटो डेबिट पेमेंट्स के लिए ग्राहक को एक बार अतिरिक्त पुष्टि करनी होगी। यानी कि पहले की तरह ऑटोमैटिक भुगतान नहीं होगा, बल्कि हर बार ट्रांजेक्शन से पहले यूज़र की सहमति अनिवार्य होगी।
NPCI और RBI की सख्ती के पीछे की वजह
Reserve Bank of India (RBI) और National Payments Corporation of India (NPCI) ने यह बदलाव UPI के बढ़ते दुरुपयोग को देखते हुए किया है। पिछले कुछ महीनों में फ्रॉड के मामलों में इज़ाफा हुआ है, खासकर उन ट्रांजेक्शनों में जहां ग्राहक ने सब्सक्रिप्शन या रिन्यूअल की मंजूरी दी थी लेकिन उसके बाद बिना नोटिस पेमेंट्स होते रहे।
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अब नए नियम के तहत, यदि कोई सेवा या सब्सक्रिप्शन 15,000 रुपये से अधिक है, तो ऑटो डेबिट को पहले ग्राहक की अनुमति लेनी होगी। ग्राहक को एक one-time authentication के जरिए पुष्टि करनी होगी।
कैसे मिलेगा यूज़र्स को फायदा?
यह बदलाव ग्राहकों की सुरक्षा और ट्रांजेक्शन कंट्रोल को बढ़ावा देगा। अब किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी की आशंका को कम किया जा सकेगा क्योंकि हर बड़े ट्रांजेक्शन के लिए ग्राहक से सीधे मंजूरी ली जाएगी।
साथ ही, इस नियम से उन यूज़र्स को भी फायदा मिलेगा जो अनजाने में किसी सर्विस के लिए बार-बार भुगतान कर रहे थे। अब ग्राहक अपने खर्च पर बेहतर नियंत्रण रख सकेंगे।
किन सेवाओं पर पड़ेगा सीधा असर?
- Netflix, Amazon Prime, Disney+ Hotstar जैसे OTT Platforms
- Insurance Premium Payments
- EMI Payments और Loan Repayments
- Investment Platforms और Mutual Funds की SIPs
- Utility Bills जैसे बिजली-पानी के बिल
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इन सभी क्षेत्रों में जहां ऑटो डेबिट पहले से सेट होता था, वहां अब ग्राहकों को अपने बैंक या UPI ऐप्स पर जाकर मंजूरी देनी होगी।
नए नियम कब से लागू होंगे?
यह नियम अप्रैल 2025 से देशभर में लागू हो चुका है। सभी बैंकों और UPI सेवा प्रदाताओं को NPCI ने इसकी जानकारी दे दी है और उन्हें इसे अपने सिस्टम में अपडेट करने का निर्देश भी दिया गया है।
क्या करना होगा UPI यूज़र्स को?
UPI यूज़र्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी UPI ऐप्स (जैसे कि Google Pay, PhonePe, Paytm, BHIM) को लेटेस्ट वर्ज़न में अपडेट किया गया हो। साथ ही, ऐप्स में नए तरह की ऑथोराइजेशन नोटिफिकेशन को ध्यान से पढ़कर सही तरीके से पुष्टि करनी होगी।
यदि कोई यूज़र नए नियमों के तहत नोटिफिकेशन को इग्नोर करता है तो पेमेंट फेल हो सकता है या सर्विस बंद हो सकती है।
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डिजिटल इंडिया और पेमेंट इकोसिस्टम पर असर
सरकार के इस फैसले को डिजिटल इंडिया अभियान के तहत एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। इससे न केवल पेमेंट सिस्टम अधिक सुरक्षित होगा, बल्कि ग्राहकों को भी डिजिटल पेमेंट्स पर अधिक भरोसा होगा।
इसके अलावा, यह बदलाव वित्तीय अनुशासन को भी बढ़ावा देगा जिससे कि लोग अपने खर्चों का रिकॉर्ड बेहतर तरीके से रख सकें।