अब नहीं पहन सकते ये वाले कपड़े! खरीदने-बेचने के उल्लंघन पर हो सकती है जेल – जानिए नियम

पहलगाम आतंकी हमले ने खोल दी आंखें! आतंकियों ने सेना की वर्दी पहनकर 26 निर्दोषों को मारा अब सरकार ने उठाया सख्त कदम। जानिए क्यों अब सिविलियन नहीं खरीद सकते Army Uniform, क्या है नया ड्रेस कोड और कैसे फौजी जैसी ड्रेस पहनना बना जेल जाने का कारण। पढ़ें पूरी जानकारी यहां।

By Pankaj Singh
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अब नहीं पहन सकते ये वाले कपड़े! खरीदने-बेचने के उल्लंघन पर हो सकती है जेल – जानिए नियम
अब नहीं पहन सकते ये वाले कपड़े! खरीदने-बेचने के उल्लंघन पर हो सकती है जेल – जानिए नियम

PAHALGAM TERROR ATTACK के दौरान एक बार फिर यह गंभीर मुद्दा सामने आया है कि आम नागरिकों द्वारा सेना की वर्दी पहनना कितना खतरनाक हो सकता है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकवादी हमले में हमलावर सेना की वर्दी पहनकर आए थे, जिसके कारण किसी को शक तक नहीं हुआ और 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई। इस घटना ने न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए बल्कि इस बात पर भी ध्यान केंद्रित किया कि सेना की वर्दी आम नागरिकों तक कैसे पहुंचती है।

सेना की वर्दी की बिक्री पर पूरी तरह से रोक

मोदी सरकार ने 2022 में सेना के ड्रेस कोड (Army Dress Code) में बड़ा बदलाव किया। इसके साथ ही आर्मी यूनिफॉर्म की ओपन मार्केट में बिक्री को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया। अब सेना का कपड़ा सिर्फ सेना के स्टोर्स पर उपलब्ध है और केवल सेना के जवान ही इसे खरीद सकते हैं, वो भी उचित पहचान पत्र (ID Card) दिखाकर।

पहले कैसे मिलती थी वर्दी, अब क्या बदला?

कैंट एरिया के दुकानदारों और दर्जियों के अनुसार, पहले सेना की वर्दी का कपड़ा आम दुकानों पर बेचा जाता था और सिलाई का काम भी वहीं होता था। जवानों को अपनी पहचान दिखाकर वर्दी सिलवाने की छूट थी। लेकिन जैसे ही ड्रेस का दुरुपयोग होने लगा, नई गाइडलाइन लागू कर दी गई।

व्यापारी विनोद कुमार बताते हैं कि अब सेना का कपड़ा और पैटर्न पूरी तरह बदल दिया गया है। पुराने पैटर्न में जो बेल्ट और स्टाइल था, वह अब पूरी तरह हटाकर नया कैमोफ्लाज (Camouflage) डिजाइन लागू किया गया है, जो कि आम दुकानों पर न तो मिलता है और न ही बेचना कानूनी है।

नकली यूनिफॉर्म और सुरक्षा खतरा

सेना और पुलिस की वर्दी जैसी दिखने वाली कॉम्बैट यूनिफॉर्म (Combat Uniform) आम फैशन का हिस्सा बन चुकी है। परंतु गृह मंत्रालय ने साफ कहा है कि इस तरह के कपड़े पहनना अपराध है क्योंकि यह भ्रम की स्थिति पैदा करता है और सुरक्षा के लिहाज से खतरे का कारण बन सकता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि आतंकवादी या आपराधिक प्रवृत्ति के लोग इस भ्रम का लाभ उठाकर बड़ी घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं, जैसा कि पहलगाम हमले में हुआ।

आईपीसी की धाराओं के तहत सजा का प्रावधान

अगर कोई आम नागरिक सेना, सीआरपीएफ, एयरफोर्स या नेवी जैसी वर्दी पहनता है या उनके जैसे दिखने वाले कपड़े पहनता है, तो उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 140 और 171 के तहत सजा दी जा सकती है। इसके अंतर्गत 500 रुपये का जुर्माना और अधिकतम तीन महीने की जेल हो सकती है। यह कानून हर राज्य में समान रूप से लागू है और इसका उल्लंघन करने पर तुरंत गिरफ्तारी भी संभव है।

सेना का कड़ा रुख और नियमित जांच

मध्य कमान के जनसंपर्क अधिकारी शांतनु प्रताप सिंह ने बताया कि सेना की टीमें समय-समय पर सदर बाजार, तोपखाना जैसे क्षेत्रों में जाकर दुकानदारों और दर्जियों को गाइडलाइन देती हैं कि सेना के ड्रेस पैटर्न जैसा कोई भी कपड़ा नहीं बेचा जाएगा। अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

सेना अब अपने ही स्टोर्स के माध्यम से कपड़े की सप्लाई करती है। वर्दी सिलवाने के लिए जवानों को ID दिखाकर रजिस्टर में एंट्री करवानी होती है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई आम नागरिक इन कपड़ों को हासिल न कर सके।

देश की सुरक्षा से जुड़ा है वर्दी का मामला

सेना की वर्दी सिर्फ एक ड्रेस नहीं है, बल्कि यह देश की सुरक्षा व्यवस्था का अभिन्न हिस्सा है। जब कोई सिविलियन या अपराधी सेना जैसी वर्दी पहनता है, तो वह न सिर्फ कानून तोड़ता है बल्कि देश की सुरक्षा को भी खतरे में डालता है।

पाकिस्तान या अन्य दुश्मन देशों से वर्दी जैसा कपड़ा चोरी-छिपे भारत में आ सकता है, जैसा कि नकली नोटों के मामलों में देखा गया है। इसलिए भारत सरकार का यह निर्णय समयानुकूल और देशहित में है।

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Pankaj Singh

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