Surya Grahan kab hai 2025: इस दिन है सूर्य ग्रहण इस दिन,भारत में दिखाई देगा या नहीं, टाइम भी देखें

क्या इन ग्रहणों पर सूतक काल मान्य होगा? कब और कहां दिखेगा ये दुर्लभ नज़ारा? क्या होगा धार्मिक और वैज्ञानिक असर? जानिए हर जरूरी जानकारी और लाइव देखने का तरीका, जिसे जानकर आप भी चौंक जाएंगे!

By Pankaj Singh
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Surya Grahan kab hai 2025: इस दिन है सूर्य ग्रहण इस दिन,भारत में दिखाई देगा या नहीं, टाइम भी देखें
Surya Grahan kab hai 2025: इस दिन है सूर्य ग्रहण इस दिन,भारत में दिखाई देगा या नहीं, टाइम भी देखें

साल 2025 में Surya Grahan यानी सूर्य ग्रहण खगोल विज्ञान के दृष्टिकोण से दो बार घटित होंगे। हालांकि, ये दोनों सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देंगे, इसलिए धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इनका कोई सीधा प्रभाव भारत पर नहीं पड़ेगा। साल 2025 के सूर्य ग्रहण की तारीखें और समय पहले से निर्धारित हैं और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खगोलविदों तथा वैज्ञानिक संस्थानों द्वारा इनका विश्लेषण किया गया है।

29 मार्च 2025 को लगेगा साल का पहला सूर्य ग्रहण

Surya Grahan 2025 की पहली खगोलीय घटना 29 मार्च को घटित होगी। यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, जो भारतीय समयानुसार दोपहर 2:21 बजे शुरू होकर शाम 6:14 बजे तक चलेगा। इस दौरान ग्रहण का अधिकतम समय शाम 4:17 बजे रहेगा।

यह सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होगा। यानी भारत के किसी भी हिस्से में यह खगोलीय घटना दिखाई नहीं देगी। इसके चलते धार्मिक रूप से मान्य सूतक काल भी भारत में प्रभावी नहीं माना जाएगा। यह ग्रहण मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका और अटलांटिक महासागर के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा।

21 सितंबर 2025 को लगेगा दूसरा आंशिक सूर्य ग्रहण

साल का दूसरा Surya Grahan 21 सितंबर 2025 को रविवार के दिन लगेगा। यह भी एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा, और इसकी दृश्यता भारत सहित अधिकांश एशियाई देशों में नहीं होगी। यह ग्रहण मुख्य रूप से ओशिनिया, अंटार्कटिका और आस-पास के दक्षिणी गोलार्ध के कुछ क्षेत्रों में देखा जाएगा।

खगोल विज्ञानियों के अनुसार यह सूर्य ग्रहण भी भारत में पूरी तरह अदृश्य रहेगा, इसलिए इसका कोई धार्मिक या ज्योतिषीय महत्व भारत के लिए नहीं होगा।

भारत में Surya Grahan 2025 का धार्मिक और ज्योतिषीय प्रभाव

जब कोई सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देता, तो भारतीय धर्मशास्त्र और ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार उस ग्रहण का सूतक काल भी मान्य नहीं होता। चूंकि 2025 में होने वाले दोनों सूर्य ग्रहण भारत में दृश्य नहीं होंगे, इसलिए न तो सूतक काल लागू होगा और न ही मंदिरों के पट बंद होंगे।

सामान्यतः सूतक काल ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले शुरू होता है और ग्रहण समाप्ति तक चलता है। लेकिन यह नियम केवल तभी लागू होता है जब सूर्य ग्रहण भारत में प्रत्यक्ष रूप से दिखाई देता हो।

धार्मिक दृष्टिकोण से, भारत के मंदिरों, धार्मिक आयोजनों और पूजा-पाठ की प्रक्रियाओं पर इन ग्रहणों का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। सामान्य जन-जीवन और धार्मिक कार्यक्रम पूर्ववत चलते रहेंगे।

Surya Grahan को देखने का विकल्प और लाइव स्ट्रीमिंग

हालांकि Surya Grahan 2025 भारत में नहीं दिखाई देगा, लेकिन खगोल प्रेमी इसे अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसियों जैसे नासा (NASA) और विभिन्न वेधशालाओं की मदद से लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से देख सकते हैं।

आज के डिजिटल युग में कई वेबसाइट्स और यूट्यूब चैनल्स इन ग्रहणों को लाइव प्रसारित करते हैं, जिससे दुनिया के किसी भी कोने में बैठे लोग इस अद्भुत खगोलीय घटना का अनुभव कर सकते हैं।

सूर्य ग्रहण 2025 और वैज्ञानिक दृष्टिकोण

वैज्ञानिक रूप से, सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है और सूर्य का प्रकाश आंशिक या पूर्ण रूप से पृथ्वी पर आने से रुक जाता है।

29 मार्च और 21 सितंबर 2025 को लगने वाले आंशिक सूर्य ग्रहण इस प्रक्रिया का उदाहरण होंगे। हालांकि ये पूर्ण सूर्य ग्रहण नहीं होंगे, फिर भी जहां-जहां ये दृश्य होंगे, वहां लोगों को सूर्य का आंशिक रूप से ढका हुआ भाग दिखाई देगा।

खगोल प्रेमियों और शोधकर्ताओं के लिए अहम साल

Surya Grahan 2025 भले ही भारत के लिए दृश्य नहीं हो, लेकिन खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले शोधकर्ताओं और स्काईवॉचर्स के लिए यह साल महत्वपूर्ण रहेगा।

इस साल होने वाले ग्रहणों से अंतरिक्ष की गतिविधियों, चंद्रमा की कक्षा और पृथ्वी-सूर्य के संबंधों का गहन अध्ययन किया जाएगा।

सूर्य ग्रहण और स्वास्थ्य संबंधी चेतावनियां

जहां सूर्य ग्रहण दिखाई देता है, वहां के लोगों को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। बिना उपयुक्त चश्मे या सुरक्षा उपकरण के सूर्य को देखना आंखों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।

हालांकि भारत में Surya Grahan 2025 नहीं दिखाई देगा, लेकिन जहां भी ये ग्रहण दिखाई देंगे, वहां लोगों को वैज्ञानिक दिशा-निर्देशों का पालन करना आवश्यक होगा।

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Pankaj Singh

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