
आज के डिजिटल युग में स्मार्टफोन सिर्फ कॉलिंग और मैसेजिंग का जरिया नहीं रह गया है, बल्कि यह एंटरटेनमेंट का एक कॉम्पैक्ट प्लेटफॉर्म बन चुका है। वेब सीरीज, मूवीज, लाइव स्ट्रीमिंग और OTT प्लेटफॉर्म्स की सुविधा से लैस यह डिवाइस अब एक नया मुकाम छूने जा रहा है। इस क्षेत्र में अगला बड़ा कदम है D2M यानी Direct to Mobile तकनीक, जिससे अब बिना इंटरनेट और Wifi के भी मोबाइल पर लाइव टीवी देखा जा सकेगा।
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D2M तकनीक भारत में डिजिटल पहुंच को एक नई दिशा देने जा रही है। Lava और HMD जैसी कंपनियों का इसमें कदम रखना न सिर्फ तकनीकी विकास की दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह करोड़ों भारतीयों के लिए सस्ता, सुलभ और व्यापक एंटरटेनमेंट का नया माध्यम बन सकता है।
क्या है D2M (Direct to Mobile) टेक्नोलॉजी?
D2M यानी Direct to Mobile एक ऐसी तकनीक है जो मोबाइल यूजर्स को बिना इंटरनेट कनेक्शन के लाइव टीवी और अन्य मल्टीमीडिया कंटेंट देखने की सुविधा देती है। यह तकनीक FM रेडियो और DTH (Direct-to-Home) की तरह सैटेलाइट सिग्नल्स का उपयोग करती है, जिससे इंटरनेट पर निर्भरता खत्म हो जाती है।
इस टेक्नोलॉजी को IIT Kanpur और तेजस नेटवर्क्स ने वर्ष 2022 में मिलकर विकसित किया था। इसका ट्रायल देश के कुछ हिस्सों में सफलतापूर्वक किया जा चुका है और अब इसे आम लोगों के लिए उपलब्ध कराने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है।
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Lava और HMD का बड़ा कदम: D2M फीचर फोन लॉन्च
स्मार्टफोन और फीचर फोन निर्माता कंपनियां Lava और HMD Global अब इस तकनीक को आम लोगों तक पहुंचाने जा रही हैं। इन कंपनियों ने हाल ही में D2M तकनीक से लैस नए फीचर फोन लॉन्च करने की घोषणा की है। इसके लिए दोनों कंपनियों ने सैटेलाइट कनेक्टिविटी मुहैया कराने वाले सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ साझेदारी भी कर ली है।
WAVES समिट में होगा लॉन्च
1 मई 2025 से मुंबई के Jio World Centre में शुरू होने वाले World Audio Visual & Entertainment Summit (WAVES) के मंच पर इन फीचर फोन्स को लॉन्च किया जाएगा। इस समिट के दौरान Lava और HMD अपने-अपने D2M फीचर वाले कीपैड फोन को पहली बार जनता के सामने पेश करेंगे।
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इन मोबाइल फोनों की सबसे खास बात यह होगी कि ये बेहद किफायती कीमत पर उपलब्ध होंगे और इनमें लाइव टीवी और OTT प्लेटफॉर्म्स का एक्सेस मिलेगा — वह भी बिना इंटरनेट या Wifi कनेक्शन के। यह उन यूजर्स के लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है, जो अब तक महंगे स्मार्टफोन्स या इंटरनेट डाटा प्लान्स की वजह से इस तरह की सुविधाओं से वंचित रहे हैं।
कैसे काम करेगी D2M सर्विस?
D2M तकनीक सैटेलाइट के माध्यम से सीधे मोबाइल फोन तक ब्रॉडकास्ट सिग्नल भेजती है। इस प्रक्रिया में किसी इंटरनेट नेटवर्क की आवश्यकता नहीं होती। इस तकनीक की कार्यप्रणाली कुछ हद तक FM रेडियो या DTH सेट टॉप बॉक्स जैसी होती है, जहां यूजर को सिग्नल प्राप्त करने के लिए केवल एक सक्षम डिवाइस की जरूरत होती है।
यह प्रणाली उन क्षेत्रों में भी कारगर सिद्ध हो सकती है जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी कमजोर है या बिल्कुल नहीं है, जैसे कि ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्र। सरकार और टेलीकॉम कंपनियां इस तकनीक को आगे चलकर डिजास्टर मैनेजमेंट और एजुकेशन कंटेंट डिलीवरी के लिए भी उपयोग में ला सकती हैं।
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क्या होगा फायदा आम यूजर्स को?
D2M तकनीक के जरिए लाइव टीवी देखने के लिए यूजर को महंगे डाटा प्लान्स की जरूरत नहीं होगी। यह खासकर उन यूजर्स के लिए वरदान साबित हो सकती है जो सीमित बजट में मनोरंजन के साधन तलाशते हैं।
इसके अलावा यह तकनीक ब्रॉडकास्टिंग इंडस्ट्री में भी नई संभावनाएं खोलती है, जहां OTT और पारंपरिक टीवी दोनों को एक साथ देखा जा सकेगा।
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सरकार का दृष्टिकोण और भविष्य की योजनाएं
भारत सरकार भी इस तकनीक को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है। सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय पहले ही D2M को लेकर पॉलिसी लेवल पर मंथन कर रहा है। आने वाले समय में इसका उपयोग सरकारी अलर्ट्स, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं डिजास्टर इंफॉर्मेशन सिस्टम्स में भी किया जा सकता है।